हरीश साल्वे – 68 साल की उम्र में लंदन में तीसरी शादी
देश के महंगे वकीलों में शुमार हरीश साल्वे अपने तीसरी शादी के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाए हुए हैं। 68 साल की उम्र उन्होंने में लंदन में तीसरी बार ‘ट्रिना‘ नाम की महिला से रचाई शादी।
आइए जानते हैं कौन हैं हरीश साल्वे और क्यों हैं मशहूर।
हरीश साल्वे एक प्रमुख भारतीय वकील हैं जो अपनी कानूनी विशेषज्ञता और हाई-प्रोफाइल मामलों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कानूनी क्षेत्र में अपने व्यापक कार्य के लिए भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि और मान्यता प्राप्त की है। यहां हरीश साल्वे के बारे में कुछ मुख्य बातें दी गई हैं और वह क्यों प्रसिद्ध हैं:
कानूनी करियर:
हरीश साल्वे का एक वकील के रूप में एक विशिष्ट करियर रहा है, जो संवैधानिक कानून, वाणिज्यिक कानून और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में विशेषज्ञता रखते हैं। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय सहित विभिन्न अदालतों में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व किया है, और कई ऐतिहासिक मामलों में शामिल रहे हैं।
भारत के सॉलिसिटर जनरल:
साल्वे ने 1999 से 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया। इस भूमिका में, उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष महत्वपूर्ण मामलों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया और विभिन्न मामलों पर सरकार को कानूनी सलाह प्रदान की।
हाई-प्रोफाइल मामले:
साल्वे कई हाई-प्रोफाइल और जटिल कानूनी मामलों में शामिल रहे हैं। उन्हें बिजनेस टाइकून, राजनेताओं और मशहूर हस्तियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के उल्लेखनीय ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है। जिन मामलों से वह जुड़े रहे हैं उनमें से कुछ के महत्वपूर्ण कानूनी और राजनीतिक निहितार्थ रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता:
हरीश साल्वे को अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में उनके काम के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरणों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और वाणिज्यिक विवादों और निवेश विवादों से संबंधित मध्यस्थता कार्यवाही में शामिल रहे हैं।
पुरस्कार और मान्यता:
साल्वे की कानूनी विशेषज्ञता और कानून के क्षेत्र में योगदान ने उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसाएं दिलाई हैं। उन्हें भारत के अग्रणी वकीलों में से एक माना गया है और उनकी कानूनी उपलब्धियों के लिए उन्हें सम्मान प्राप्त हुआ है।
शिक्षा और पृष्ठभूमि:
हरीश साल्वे का जन्म 22 जून 1955 को भारत में हुआ था। उन्होंने मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में कानून की पढ़ाई की और बाद में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर डिग्री हासिल की। उनकी मजबूत शैक्षिक पृष्ठभूमि ने एक वकील के रूप में उनकी सफलता में योगदान दिया है।
परोपकार:
अपने कानूनी करियर के अलावा, साल्वे परोपकारी गतिविधियों में भी शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न धर्मार्थ कार्यों और पहलों में योगदान दिया है।
संक्षेप में, हरीश साल्वे अपने विशिष्ट कानूनी करियर, हाई-प्रोफाइल मामलों और संवैधानिक और वाणिज्यिक कानून में विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध हैं। कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान ने उन्हें भारत और दुनिया भर में पहचान और सम्मान दिलाया है।