विजय विठ्ठल मंदिर, हम्पी
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विजय विठ्ठल मंदिर, हम्पी

यह मंदिर भगवान विष्णु के एक अवतार, विट्ठल को समर्पित है और कर्नाटक के हम्पी शहर में स्थित है। यह मंदिर खंडहरों के पास स्थित है और वास्तुकला और शिल्प कौशल के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर का सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व है, और यह एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है। मंदिर के आस-पास का परिसर भी बहुत ही प्राचीन और आकर्षक है, और यहाँ के स्थलीय शिल्पकला का प्रतीक है।

श्री विजयविट्ठल मंदिर का दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ आती है, और यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में विख्यात है। यहाँ की सुंदर वास्तुकला, इतिहास और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

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विजय विट्ठल मंदिर-जानकारी:

भारत के कर्नाटक में स्थित “विजय विट्ठल मंदिर” भगवान विष्णु को समर्पित है और अपने अद्वितीय संगीत स्तंभों के लिए जाना जाता है, जिन्हें टैप करने पर संगीत के सभी सात स्वरों की ध्वनि उत्पन्न होती है। मंदिर की स्थापना 15वीं शताब्दी में हुई थी। इसका निर्माण राजा देवराय द्वितीय के शासनकाल के दौरान किया गया था और विजयनगर साम्राज्य के प्रसिद्ध शासक कृष्णदेवराय के शासनकाल के दौरान इसका विस्तार किया गया था।

विजय विठ्ठल मंदिर, हम्पी, कर्नाटक, भारत का मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य के मंदिरों में से एक है और इसे सबसे अलंकृत माना जाता है।

संगीत स्तंभ या सारेगामा स्तंभ

इसका सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण रंगा मंतप है, जो इसके 56 संगीतमय स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें टैप करने पर संगीतमय स्वर निकलते हैं। इन संगीतमय स्तंभों को ‘सारेगामा स्तंभ’ भी कहा जाता है, क्योंकि ये सात स्वरों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

रंगा मंतप ने इस मंदिर को एक अनूठे और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विशेष बना दिया है, जिसे संगीत के प्रेमियों और धार्मिक दृष्टिकोण से दर्शनीय बनाता है। यहां के संगीतमय स्तंभ एक अद्वितीय और अद्वितीय कला के प्रतीक हैं, जो बड़े ही पत्थर के सिंगल पीस से निर्मित हैं। इन स्तंभों को टैप करने पर वे सभी सात स्वरों की तालिका प्रस्तुत करते हैं, जिनमें पर्कशित म्यूजिकल नोट्स शामिल होते हैं।

रंगा मंतप में स्थित संगीतमय स्तंभ, विशाल पत्थर के एकल टुकड़ों से निर्मित किए गए थे, और यह स्तंभों के अनूठे ध्वनिक गुण के लिए एक प्रमुख रहस्य रहे हैं। इन स्तंभों से निकलने वाले संगीतमय स्वर ने भारत के ब्रिटिश शासकों सहित सदियों से लोगों को प्रभावित किया है, और इसके बारे में कई रोचक तथ्य हैं:

पत्थर से निर्माण: संगीतमय स्तंभ विशाल पत्थर के सिंगल पीस से तराशे गए थे, जिससे उनके अद्वितीय और अव्यवसायिक रूप का निर्माण हुआ।

हम्पी रथ:

हम्पी के विजयविट्ठल मंदिर के प्रांगण में स्थित पत्थर का रथ एक अद्वितीय और अद्वितीय वास्तुकला रचना है। यह रथ पूरी तरह से पत्थर से बना हुआ है और देखने में बिल्कुल एक गाड़ी की तरह लगता है, जिसमें चार घोड़े होते हैं और एक चालक भी होता है।

इसकी निर्माणकला बेहद महत्वपूर्ण है, और यह दिखाता है कि उस समय के शिल्पकला के कौशल कितने उच्च थे। पत्थर का रथ का अद्वितीय डिज़ाइन, इसकी विस्तारपूर्ण नक्काशी, और सुंदर विशेषताएं इसे एक वास्तुकला के रूप में अनुपम बनाती हैं और यह आज भी भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक है।

विजयविट्ठल मंदिर के पत्थर के रथ का दर्शन करना और इसकी शिल्पकला की महानता को समझना आपको भारतीय वास्तुकला के प्रति गहरी समझ प्रदान करता है।

ब्रिटिश शासकों की जिज्ञासा:

रहस्य की जांच: अंग्रेजों ने इस रहस्य की जांच करने के लिए दो संगीत स्तंभों को काटकर प्रयास किया, लेकिन उनके अंदर कुछ भी नहीं मिला। यह रहस्य आज भी बना हुआ है और इन संगीतमय स्तंभों की अद्वितीयता को संरक्षित रखने में सफल रहा है।

इन संगीतमय स्तंभों से निकलने वाले संगीतमय सुरों का रहस्य ब्रिटिश शासकों सहित सदियों से लोगों को आकर्षित किया।
विजय विठ्ठल मंदिर के संगीतमय स्तंभ भारतीय संगीत और वास्तुकला के साथ जुड़े रहस्यमयी और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में एक अनूठा स्थान धारण करते हैं।

स्थान और समर्पण:

स्थान:

विजय विट्ठल मंदिर का स्थान भारत के कर्नाटक राज्य, हम्पी शहर के निंबापुरा क्षेत्र में है। इसका पता है – 8FRG+W3H, हम्पी, कर्नाटक 583239।

समर्पण:

यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण देवता हैं।

स्थापना:

विजय विट्ठल मंदिर की स्थापना 15वीं शताब्दी में हुई थी, जो विजयनगर साम्राज्य के शासकों द्वारा बनवाया गया था।

मंदिर खुलने का समय:

यह आगंतुकों के लिए सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है।
विजय विट्ठल मंदिर के अद्वितीय संगीतमय स्तंभ इसे कर्नाटक में एक विशिष्ट और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल बनाते हैं, जो मंदिर के धार्मिक और स्थापत्य दोनों पहलुओं में रुचि रखने वाले आगंतुकों को आकर्षित करते हैं।

प्रवेश शुल्क:


विजय विट्ठल मंदिर के प्रवेश और फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी शुल्क के बारे में जानकारी निम्नलिखित है:

अन्य देश (18 वर्ष से अधिक वयस्क व्यक्ति): INR 500
सार्क (सभी व्यक्ति): INR 20
सभी के लिए (15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे): निःशुल्क
फोटोग्राफी शुल्क:
सभी के लिए: निःशुल्क

वीडियोग्राफी शुल्क:
सभी के लिए: निःशुल्क

यह शुल्क विजय विट्ठल मंदिर में प्रवेश के लिए लागू होते हैं और यह आपके आयु और नागरिकता के आधार पर विभिन्न हो सकते हैं। सार्क (साउथ एशियाई एसोसिएशन फॉर रीज़र्वेशन्स कंसर्वेशन) यात्री के लिए अलग शुल्क होता है, जो दक्षिण एशियाई देशों से आए यात्री के लिए लागू होता है।

विजय विट्ठल मंदिर कैसे पहुंचे?

हवाई पट्टी:

निकटतम विमानक्षेत्र बेलगाम विमानक्षेत्र (Bellary Airport) है, जो लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। आपको बेलगाम से हम्पी तक कैब या टैक्सी की सेवा मिल सकती है, जिसका समय आधारित शुल्क होता है।

रेल:

निकटतम रेलवे स्थानक होसपेट (Hospet) है, जो लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर है। होसपेट से हम्पी तक टैक्सी, ऑटोरिक्शा, या बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।

सड़क:

विजय विट्ठल मंदिर हम्पी के मुख्य बाजार से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहाँ टैक्सी, ऑटोरिक्शा, या व्यक्तिगत वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

विजय विठ्ठल मंदिर को हम्पी का मुख्य आकर्षण माना जाता है, और यह स्थल धार्मिक और वास्तुकला के क्षेत्र में कलासंपदा की प्राप्ति का प्रतीक है।